इलाहाबाद हाईकोर्ट में फौजदारी मामलों के वकीलों ने गुरुवार रात एक सादे समारोह में न्यायमूर्ति अमर सरन एवं न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह का स्वागत किया। वकीलों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीएम जैदी ने कहा कि दोनों न्यायमूर्तियों को बार ने जिस काम के लिए भेजा था, उन्होंने उसे शानदार अंजाम दिया और रिटायर होकर फिर बार में आए हैं इसलिए हम उनका स्वागत कर रहे हैं।क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिशनर एसोसिएशन की ओर से आयोजित समारोह में जस्टिस रवींद्र सिंह ने कहा कि यहां का बार कानूनी तौर पर देशभर में सबसे मजबूत है। उन्होंने कहा कि कई क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिशनर ऐसे हैं, जो बेंच में गए तो न्याय व्यवस्था को मजबूत करने के साथ न्याय पालिका और बार का गौरव बढ़ा सकते हैं। जस्टिस अमर सरन ने कहा यह समारोह साबित करता है कि यहां के वकीलों का कानूनी ज्ञान ही नहीं बेहतर है, उनका दिल भी बड़ा है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व वीपी श्रीवास्तव ने दोनों न्यायाधीशों की कार्यशैली का सराहना की। अंत में दोनों न्यायाधीशों को स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया। रवींद्र शर्मा ने संचालन का दायित्व निभाया। समारोह में एसोसिएशन के विष्णु शरण सिंह पुजारी, आईके चतुर्वेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेश मिश्र व एमसी चतुर्वेदी, ब्रजेश सहाय, अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह, शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह, पूर्व शासकीय अधिवक्ता डीआर चौधरी, श्रीमती प्रवीण शुक्ला, आशुतोष तिवारी, विमलेंदु त्रिपाठी, अश्विनी कुमार ओझा, मोहित सिंह आदि उपस्थित रहे।
Thursday, August 20, 2015
Wednesday, August 19, 2015
देश में सबसे ज्यादा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के पद खाली
कानून मंत्रालय की ओर से 1 अगस्त तक के आकड़ो के अनुसार इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के कुल 160 पद स्वीकृत है जब की वर्तमान समय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की सख्या 76 है यानी 84 पद रिक्त है । यह आकड़ा तब बदल गया जब हमारे माननीय न्यायमूर्ति राजेस कुमार जी 14 अगस्त 2015 को सेवानिवृत्ति हुए । वर्तमान समय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 75 हो गयी है जो आधे से भी कम है । न्यायाधीशों की कमी के कारण वादकारियों को न्याय नही मिल पा रहा है ।न्यायाधीशों के स्वीकृत पद पुरा करने के लिए न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओ की यह माग है की तत्काल वादकारियों के हित को ध्यान में रखते हुए खाली पदो को भरा जाये ।
Wednesday, August 12, 2015
एक सितंबर से शुरू होगा एफिडेविट सेंटर
एक सितंबर से शुरू होगा एफिडेविट सेंटर
अमर उजाला पेज न-4
बुधवार 12 अगस्त 2015
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट का एफिडेविट सेंटर एक सितंबर से पूरी तरह से सक्रिय कर दिया जाएगा। इसके बाद वादकारियों को हाईकोर्ट आकर हलफनामा पर दस्तख़त करना और फोटो खिंचवाना अनिवार्य हो जाएगा। यह निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एक बैठक में मंगलवार को लिया गया। अध्यक्ष आरके ओझा और महासचिव अशोक कुमार सिंह सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यों ने निर्णय लिया है कि एफिडेविट सेंटर चलाने के लिए 20 दिन का और समय दिया जाए तथा एक सितंबर से इसे अनिवार्य कर दिया जाए। यह जानकारी बार के संयुक्त सचिव प्रेस जर्नादन यादव ने दी है।
Tuesday, August 11, 2015
Monday, August 10, 2015
इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना का 150 वां वर्ष
भारत में उच्च न्यायालयों की स्थापना हेतु ब्रिटिश संसद ने 9 अगस्त 1861 को भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 पारित किया इस अधिनियम ने ब्रिटेन की महारानी को कलकत्ता ,मद्रास और बम्बई में उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु प्राधिकृत किया , ब्रिटेन की महारानी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की स्थापना हेतु लेटर्स पेटेंट 17 मार्च 1866 को जारी किया । चार्टर एक्ट 1833 के तहत मद्रास और बम्बई में लेजिस्लेटिव कौंसिल की स्थापना किया गया । इस चार्टर एक्ट में 1834 में संशोधन कर भारत की चौथी प्रेसिडेंसी आगरा में स्थापित किया गया था । हाई कोर्ट आगरा में 1866 से 1869 ई ० तक रहा था । सं ० 1869 में उच्च न्यायालय आगरा से इलाहाबाद लाया गया और सरोजनी नायडू मार्ग ईमारत में सं ० 1916 तक कार्य करता रहा जहां पर वर्तमान समय में ऊ 0 प्र 0 राजस्व परिषद का मुख्यालय कार्यरत है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की वर्तमान ईमारत की आधारशिला 18 मार्च 1911 को रखी गयी थी इस ईमारत में 27 नवंबर 1916 में न्यायिक कार्य प्रारम्भ हुआ जो अभी तक जारी है ।
Sunday, August 9, 2015
150 years of establishment of the Allahabad High Court
The Indian High Court Act 1861 provided for establishment of the Calcutta, Bombey
and Madras High Court. It also reserved power in Her Majesty Queen Victoria to constitute similar High Court in any other part of the country. The letters patent/Charter dated 17th March 1866 was issued constituting the High Court of Judicature for North Western Provinces which started functioning at Agra on 18th June 1866. It shifted to Allahabad in 1869 and functioned in the building which now houses the Board of Revenue. On 27th November 1916, it was shifted to its present building. The name of the High Court was changed to High Court of Judicature at Allahabad by Supplementary Letters Patent dated 11th March 1919. Tuesday, August 4, 2015
हाई कोर्ट बार से पुनर्मिलन समारोह -न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह
हाईकोर्ट बार में न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह का अभिनन्दन
इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति डा. वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब किसी व्यक्ति का सम्मान किया जाता है तो पूरी संस्था सम्मानित होती है। हाईकोर्ट की यह स्वस्थ परंपरा है। मुख्य न्यायमूर्ति मंगलवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह के कार्यकाल की सराहना की। न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह उनका इस बार से पुनर्मिलन समारोह है। जब भी वह यहां आते हैं तो उन्हें ठीक उसी तरह लगता है कि कोई बच्चा अपनी मां की गोद में आया हो। यदि बार बेंच का सम्मान करता है तो बेंच को भी बार का आदर करना चाहिए। इससे जनता में सम्मान बढ़ता है। समारोह में बार के अध्यक्ष आरके ओझा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीएस मिश्र और महासचिव अशोक सिंह ने अधिवक्ताओं की ओर से जस्टिस सिंह को स्मृति चिह्न् प्रदान किया। पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन शशि प्रकाश सिंह ने संचालन किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति राकेश तिवारी, न्यायमूर्ति वीके शुक्ला, न्यायमूर्ति आरडी खरे, न्यायमूर्ति वी रमेश, न्यायमूर्ति मो. ताहिर, न्यायमूर्ति शशिकांत, न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी, न्यायमूर्ति रणविजय सिंह, न्यायमूर्ति वीके नारायण शामिल हुए। कार्यक्रम में अपर महाधिवक्ता सीबी यादव, कमरुल हसन सिद्दीकी, इमरान उल्लाह, शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह, पूर्व महाधिवक्ता एसपी गुप्ता, जेबी सिंह, सम्पन्न कुमार संघर्ष, विनय प्रताप सिंह यादव, सुनील कुमार सिंह , आनंद मोहन पांडेय , बृजेंद्र कुमार पांडेय , रुचिर श्रीवास्तव , सिपाहीलाल शुक्ल , सुधीर कुमार चंद्रौल, रणविजय सिंह, जनार्दन यादव, राजीव शुक्ला, हिमकन्या श्रीवास्तव, विवेक मिश्र , अजय कुमार मिश्र , अजीत सिंह , योगेंद्र प्रताप सिंह , गोविंद नारायण तिवारी , मनोज कुमार मिश्र , आशीष कुमार मिश्र, अजय कुमार द्विवेदी , अमित कुमार श्रीवास्तव , दिनेश वरुण , संतोष कुमार निगम , आनंद शंकर दुबे , मुकुल पांडेय , कृष्ण मनोहर तिवारी , इंदुभूषण त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
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