• आज दाखिल हो सकती है याचिका
दैनिक इलाहाबाद 12 जून 2015
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : हाई
कोर्ट बार एसोसिएशन
के चुनाव में
अध्यक्ष पद के
उम्मीदवार वीसी मिश्र
की घेराबंदी तेज
हो चली है।
वीसी की योग्यता
को लेकर शिकायत
एल्डर कमेटी तक
पहले ही पहुंच
चुकी है। गुरुवार
को उनके खिलाफ
याचिका दाखिल कर चुनाव
से अयोग्य करार
देने की भी
तैयारियां शुरू हो
गईं। शुक्रवार को
याचिका दाखिल होने की
संभावना है।अध्यक्ष पद के
एक प्रत्याशी वाईडी
शर्मा ने एल्डर
कमेटी को पत्र
लिखकर वीसी मिश्र
का नामांकन रद
करने की मांग
की है। पत्र
में कहा गया
है कि वीसी
अवमानना के मामले
में सजायाफ्ता हैं
इसलिए मॉरल टर्पीट्यूड
(नैतिक अपराध) के दोषी
हैं। वह चुनाव
नहीं लड़ सकते।
अपनी सफाई में
वीसी ने एल्डर
कमेटी को कई
न्यायिक निर्णयों की प्रतियां
भेजकर बताया है
कि कोर्ट का
पहले ही फैसला
आ चुका है
जिसके मुताबिक उनको
चुनाव लड़ने से
अयोग्य करार नहीं
दिया जा सकता
है। अवमानना मामले
में सजा के
बाद भी वह
अध्यक्ष चुने जा
चुके हैं, महाधिवक्ता
रहे हैं और
बार काउंसिल के
भी अध्यक्ष रह
चुके हैं। वाईडी
शर्मा ने इसके
प्रत्युत्तर में कहा
कि जिन न्यायिक
निर्णयों का हवाला
दिया गया है,
वह वीसी मिश्र
के मामले में
लागू नहीं होंगे।
इस मामले में
अब निर्णय एल्डर
कमेटी को करना
है। फिलहाल वीसी
मिश्र विदेश में
हैं इसलिए एल्डर
कमेटी भी उनके
वापस लौटने का
इंतजार कर रही
है ताकि अपना
निर्णय सुना सके।
इस बीच वाईडी
शर्मा ने यािचका
दाखिल करने की
भी तैयारी कर
ली है। इसमें
भी मॉरल टर्पीट्यूड
का मुद्दा ही
उठाया जाएगा। आधार
यह है कि
सात जजों की
बेंच ने भी
मॉडल टर्पीट्यूड के
दोषी सदस्यों को
चुनाव लड़ने से
रोकने की हिमायत
की है।
• आज दाखिल हो सकती है याचिका
दैनिक इलाहाबाद 12 जून 2015
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : हाई
कोर्ट बार एसोसिएशन
के चुनाव में
अध्यक्ष पद के
उम्मीदवार वीसी मिश्र
की घेराबंदी तेज
हो चली है।
वीसी की योग्यता
को लेकर शिकायत
एल्डर कमेटी तक
पहले ही पहुंच
चुकी है। गुरुवार
को उनके खिलाफ
याचिका दाखिल कर चुनाव
से अयोग्य करार
देने की भी
तैयारियां शुरू हो
गईं। शुक्रवार को
याचिका दाखिल होने की
संभावना है।अध्यक्ष पद के
एक प्रत्याशी वाईडी
शर्मा ने एल्डर
कमेटी को पत्र
लिखकर वीसी मिश्र
का नामांकन रद
करने की मांग
की है। पत्र
में कहा गया
है कि वीसी
अवमानना के मामले
में सजायाफ्ता हैं
इसलिए मॉरल टर्पीट्यूड
(नैतिक अपराध) के दोषी
हैं। वह चुनाव
नहीं लड़ सकते।
अपनी सफाई में
वीसी ने एल्डर
कमेटी को कई
न्यायिक निर्णयों की प्रतियां
भेजकर बताया है
कि कोर्ट का
पहले ही फैसला
आ चुका है
जिसके मुताबिक उनको
चुनाव लड़ने से
अयोग्य करार नहीं
दिया जा सकता
है। अवमानना मामले
में सजा के
बाद भी वह
अध्यक्ष चुने जा
चुके हैं, महाधिवक्ता
रहे हैं और
बार काउंसिल के
भी अध्यक्ष रह
चुके हैं। वाईडी
शर्मा ने इसके
प्रत्युत्तर में कहा
कि जिन न्यायिक
निर्णयों का हवाला
दिया गया है,
वह वीसी मिश्र
के मामले में
लागू नहीं होंगे।
इस मामले में
अब निर्णय एल्डर
कमेटी को करना
है। फिलहाल वीसी
मिश्र विदेश में
हैं इसलिए एल्डर
कमेटी भी उनके
वापस लौटने का
इंतजार कर रही
है ताकि अपना
निर्णय सुना सके।
इस बीच वाईडी
शर्मा ने यािचका
दाखिल करने की
भी तैयारी कर
ली है। इसमें
भी मॉरल टर्पीट्यूड
का मुद्दा ही
उठाया जाएगा। आधार
यह है कि
सात जजों की
बेंच ने भी
मॉडल टर्पीट्यूड के
दोषी सदस्यों को
चुनाव लड़ने से
रोकने की हिमायत
की है।
अमर उजाला
इलाहाबाद १२ जून 2015
इलाहाबाद १२ जून 2015
अध्यक्ष पद पर घेराबंदी तेज
वीसी मिश्र को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देने के लिए याचिका दाखिल करने की तैयारी
इलाहाबाद(ब्यूरो)। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर समीकरण बनने बिगड़ने का खेल तेज हो चला है। 150 वें स्थापना वर्ष में अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा यह मतदाता नौ जुलाई को तय करेंगे, मगर उम्मीदवार शह और मात के खेल में अपने तई कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। सबसे ज्यादा रस्साकसी इसी पद को लेकर है। अध्यक्ष पद पर वीसी मिश्र के भी दावेदारी ठोंकने के बाद इसमें और तेजी आई है।
अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार वाईडी शर्मा ने पहले ही चुनाव अधिकारी से शिकायत की है कि वीसी मिश्र अवमानना के मामले में सजायाफ्ता होने के कारण मॉरल टरपीट्यूड के दोषी हैं। इसलिए उनको चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए। इसके जवाब में वीसी मिश्र ने तमाम न्यायिक निर्णयों का हवाला देकर कहा कि उनके अध्यक्ष बनने में अवमानना मामले से कोई बाधा नहीं आएगी। सजायाफ्ता होने के बाद भी वह अध्यक्ष पद पर चुने जा चुके हैं। बार कौंसिल के अध्यक्ष और महाधिवक्ता भी रह चुके हैं। फिलहाल इस मामले पर एल्डर कमेटी को निर्णय लेना है। इसके बाद ही तय हो सकेगा कि अध्यक्ष पद पर मुकाबला किन उम्मीदवारों के बीच होना है।
दूसरी ओर वाईडी शर्मा ने इस मामले में याचिका दाखिल करने की भी तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि सात जजों की फु ल बेंच ने मॉरल टरपीट्यूड के दोषी सदस्यों को चुनाव लड़ने से रोकने की हिमायत की थी। मामला यदि अदालत में जाता है तो अध्यक्ष पद की दौड़ में समीकरण एक बार फिर बदल सकते हैं।
हिंदुस्तान
इलाहाबाद १२ जून 2015
हिंदुस्तान
इलाहाबाद १२ जून 2015
वीसी मिश्र को मैदान से हटाने की मांग
इलाहाबाद विधि संवाददाताहाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी वीसी मिश्र को हटाने की मांग उठी है। यह मांग इसी पद के उम्मीदवार वाईडी शर्मा ने एल्डर कमेटी से की है। उनका कहना है कि वीसी मिश्र को अवमानना के आरोप में सजा हुई थी इसलिए उनका नामांकन निरस्त किया जाए। इस मुद्दे को लेकर याचिका दाखिल करने की तैयारी भी है।वाईडी शर्मा ने एल्डर कमेटी को दिए पत्र में मॉरल टरपीट्यूड का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि सात जजों की वृहद पीठ ने हालिया आदेश में मॉरल टरपीट्यूड के दोषियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कहा है। इसलिए वीसी मिश्र हाईकोर्टबार एसोसिएशन का चुनाव नहीं लड़ सकते। आठवीं बार अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरे वीसी मिश्र की ओर से इस संबंध में कई न्यायिक निर्णयों का हवाला देकर कहा गया कि इन फैसलों के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। फिर अवमानना में सजा के बाद वह हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष भी निर्वाचित हो चुके हैं। इसके अलावा महाधिवक्ता रहे और यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष भी चुने गए। इसपर वाईडी शर्मा का कहना है कि ये निर्णय वीसी मिश्र के मामले में लागू नहीं होंगे इसलिए उनका नामांकन निरस्त कर दिया जाना चाहिए। फिलहाल गेंद एल्डर कमेटी के पाले में है और वीसी मिश्र विदेश में हैं इसलिए इस मुद्दे पर निर्णय उनके विदेश से इलाहाबाद लौट आने पर ही सामने आएगा। गौरतलब है कि हाईकोर्टबार का चुनाव नौ जुलाईको होना है।
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