हिन्दुस्तान इलाहाबाद
28 -जून -2015
इलाहाबाद। हाईकोर्ट बार चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विनय चंद्र मिश्र ने कहा कि अधिवक्ता हित के लिए संघर्ष करना मॉरल टरपीट्यूड है तो वह यह संघर्ष मरते दम तक करते रहेंगे। वीसी मिश्र ने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें मॉरल टरपीट्यूड का दोषी बताते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवालिया निशान लगाया, उन्होंने पूरी बात नहीं बताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सही है कि उन्हें अवमानना में सजा हुई व सुप्रीम कोर्ट कहता है कि अवमानना की सजा मॉरल टरपीट्यूड है और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 17ए के मुताबिक मॉरल टरपीट्यूड का दोषी रजिस्टर्ड संस्था का पद नहीं धारण कर सकता। लेकिन एडवोकेट एक्ट की धारा 24ए के अनुसार अधिवक्ता को मिली अवमानना की सजा का प्रभाव दो वर्ष बाद समाप्त हो जाता है।
28 -जून -2015
इलाहाबाद। हाईकोर्ट बार चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विनय चंद्र मिश्र ने कहा कि अधिवक्ता हित के लिए संघर्ष करना मॉरल टरपीट्यूड है तो वह यह संघर्ष मरते दम तक करते रहेंगे। वीसी मिश्र ने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें मॉरल टरपीट्यूड का दोषी बताते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवालिया निशान लगाया, उन्होंने पूरी बात नहीं बताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सही है कि उन्हें अवमानना में सजा हुई व सुप्रीम कोर्ट कहता है कि अवमानना की सजा मॉरल टरपीट्यूड है और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 17ए के मुताबिक मॉरल टरपीट्यूड का दोषी रजिस्टर्ड संस्था का पद नहीं धारण कर सकता। लेकिन एडवोकेट एक्ट की धारा 24ए के अनुसार अधिवक्ता को मिली अवमानना की सजा का प्रभाव दो वर्ष बाद समाप्त हो जाता है।
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